top of page

Education is fun for all ages

हॉर्न की आवाज सुनते ही सूरज और बबली उछलते हुए बाहर की ओर दौड़े, “नानी आ गईं, नानी आ गईं!” नानी ने गाड़ी से उतरते ही प्यार से बच्च्चों को लिपटा लिया। फिर नानी ने रामू काका को आदेश दिया, “झोले में रखे आटे के लड्डू तुरंत किसी डिब्बे में रख दो।” लड्डू का नाम सुनते ही बच्चे मचल गए और तुरंत खाने की जिद करने लगे। हंसते हुए नानी ने कहा, “हाथ तो धो लो। तुम जानते हो, खाने का सामान छूने से पहले साबुन से हाथ धोना जरूरी होता है, जिससे कोई बीमारी न हो। चलो, तुम लोग भी हाथ धोओे।” सुबह से ही घर के बाहर की सड़क पर चहल-पहल थी। बबली नानी के साथ गेट पर आई, तो देखा कि कई मजदूर सड़क के दोनों तरफ गड्ढे खोद रहे थे। इतने में पापा और सूरज भी गेट पर आ गए। पापा बोले, “फिर वही हर साल की नौटंकी। फिर नगर निगम पेड़ लगाएगी और फिर ध्यान न रखने के कारण पेड़ मर जाएंगे और फिर अगले साल यह पेड़ लगाने का सिलसिला चलता रहेगा।” नानी ने हैरान होकर पूछा, “सड़क के दोनों तरफ रहने वाले लोग इन पेड़ों का ध्यान क्यों नहीं रखते?” पापा बोले, “ये पेड़ तो सरकार की जमीन पर हैं। इनका ध्यान रखने, पानी देने आदि का काम तो नगर निगम का है न।” नानी ने आश्चर्य से उन्हें देखा। फिर धीमे से मुसकरा दीं। उस दिन शाम से ही नानी ने रामू काका से चिठ्ठी भेजकर उस सड़क के 20 मकानों में रहने वालों से मिलने का समय मांगा। नानी ने सूरज और बबली को भी साथ लेे लिया कि वह भी अपने पड़ोसियों और मोहल्ले के लोगों से जान-पहचान कर लेंगे। नानी हर घर में जातीं और अपना परिचय देने के बाद वहां रहने वाले लोगों से अनुरोध करतीं, “हमारे मोहल्ले में सड़क किनारे ‘पब्लिक’ जमीन पर पेड़ लगवाए जा रहे हैं। पब्लिक की जमीन यानी हम सब की जमीन है, तो उनका ध्यान हम सबको रखना चाहिए। वैसे भी इनसे जो ऑक्सीजन मिलेगी, उसका लाभ भी तो यहां रहने वाले हम सब लोगों को ही मिलेगा। बिना ऑक्सीजन तो हम सब जीवित नहीं रह सकते और पेड़ तो इसे हमें मुफ्त में देते हैं।” बस क्या था! हर घर के बाहर लगा पौधा उस घर में रहने वालेे की जिम्मेदारी हो गया। कोई सोनू का पौधा था, तो कोई गुड़िया का। सब न केवल अपने-अपने पौधों में पानी देते, बल्कि दूसरे के पौधों में भी कचरा फेंकने, शाखा तोड़ने से लोगों को रोकते। आज दो साल में ही लगाए हुए पौधे बड़े हो गए हैं। अनेक पेड़ों में पक्षियों और गिलहरियों ने अपना घर बना लिया है। सड़क पर छाया हो गई है और मोहल्ले वाले एक सूत्र में एक परिवार में बंध गए हैं। सब अपनी जिम्मेदारी समझकर अपने मोहल्ले का ध्यान रखते हैं और मिल-जुलकर त्योहार मनाते हैं। और जब भी नानी आती हैं, उन्हें हर घर में खाने पर बुलाया जाता है।

6 views0 comments

Recent Posts

See All

Life is beautiful, Full of wonder and awe. From the smallest flower to the grandest mountain, There is beauty all around us. We can find beauty in nature, In the company of friends and family, And in

bottom of page